DATE: 2023-08-20
कई सालों तक लंदन के कैर्मानी वा मँगा नाम की जगह पर, लोगों का एक छोटा - सा इलाका अपने कंपनी में काम कर रहा था.वह न केवल नौकरी - पेशे की दुनिया में कम औपचारिक पोशाक कोड का एक संकेत था; यह कंपनी में काम करनेवाले व्यक्ति के गर्व का बयान था.फिर भी उस तरह की ईमानदारी शायद अनियंत्रित हो.
एक परिवर्तित कार्य दुनिया में, जहाँ तकनीक तेज़ी से विकासशील और कर्मचारियों की प्राथमिकताओं को बदल दिया गया है, विशेषज्ञ कहते हैं कि जब सोच-समझकर अपने पेशे के बारे में बात करने का कम संभावना होगी.इसके बजाय, लोग अपने निजी बोरा को उनके सीवी पर दृढ़ बरनरों के ऊपर लाद रहे हैं.
टिम पुरानामैन, लीसमेन का पता चला और उसने पाया है कि कर्मचारी काम के अनुभव से उसे अपनी कंपनी की नयी नौकरी ढूँढ़ने में कामयाब हुए हैं.
यह अकसर लिंक में प्रकट होता है, जहाँ अनेक कर्मचारी अब अपना नाम और कौशल लगाने का चुनाव करते हैं, जो कि उनके वर्तमान मालिकों की विवरणों को काफ़ी कम करता है.यह पारंपरिक दृष्टिकोण के स्पष्ट विपरीत है, जहाँ उपयोक्ता अपने प्रोफाइल को काम शीर्षक तथा कंपनी पहले से ही करते हैं.नौकरी की पहचान पर विज्ञापन के व्यक्तिगत सफलता का यह तरीक़ा वर्तमान जलवायु में समझ आता है, जहाँ भर्ती लोग अपनी खोज और बाहर मिल - जुलकर कौशलों से प्रभावित होते हैं, दाना मिनावा कहती है जो कि राजा कॉलेज ऑफ लंदन में मानव संसाधन प्रबंधन (अंग्रेज़ी) नामक एक प्रोफेसर कहता है.
वह इस गुण, कुछ भाग में एक कौशल आधारित अर्थव्यवस्था की ओर विस्तृत बदलाव करने के लिए.“ हम एक ऐसे वातावरण में काम कर रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति की कौशल और प्रतिस्पर्धा को अपनी सबसे मूल्यवान संपत्ति माना जाता है, वह कहती है ।.
मज़दूर बाजार में सबसे मूल्यवान कर्मचारी होना चाहिए अपने व्यक्तिगत अभियता को ऐसे जीनीय एआई की उभरने के लिए खुद का अनुकूलन करने की क्षमता रखना चाहिये.और तेज़ी से बढ़ती हुई विकासशील तकनीक के साथ - साथ, एक कौशल आधारित नौकरी बाजार में बदलाव चला रही है।.
जो मांग कर रहे हैं कि कर्मचारी तेजी से बदल रहे है और कर्मचारियों को उन्हें निजी, पेशेवर या वित्तीय कारणों के लिए तिथि रखने के िलए चाहते हैं वह कहता है.दूसरे शब्दों में कहें तो कर्मचारी अपने हुनर के लिए ज़्यादा अनमोल बन जाते हैं, बजाय वे इसे हासिल करने की कोशिश करते हैं.
और जैसे भर्ती करनेवाले आगे बढ़ते हैं, ये मज़दूर इसे जानते हैं.जैसे - जैसे इस मेहनत बाज़ार में होड़ लगाने की वजह से लोगों को अपनी ज़िंदगी का पूरा - पूरा मज़ा लेने लगता है, वैसे - वैसे कई कर्मचारी अपने मालिक के वफादार नहीं रहते.
अपने नाम के कारण एक प्रतिष्ठित निगम में रहने के बजाय, विशेषज्ञ कहते हैं कि कर्मचारियों को शायद ऐसे अवसर मिले जहाँ उनका कौशल विकसित किया जा सकता है और विकसित हो सकता था.वफादारी में इस बदलाव के फलस्वरूप, मिवाबाज कर्मचारियों का कहना है कि उनके एक ही कंपनी से रिजोलुवरी निष्ठाओं को मनविकृत कर रहे हैं.
( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://www.bbc.com/worklife/article/20230816-company-loyalty-is-out-touting-yourself-is-in