DATE: 2023-08-21
नई न्यू यॉर्क में: सोमवार के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की कि संविधान का एक संरंजन, जिसने जामिम और सुशिक्षित राज्य पर ख़ास स्थान दिया था, आधारभूत रूप से मान्यता प्राप्त कर दी थी.इस इलज़ाम को गलत करार देकर एक वकील ने फैसला सुनाया कि वह “एक कानून - व्यवस्था के मुताबिक कदम उठाए बिना ही अपनी आज़ादी का इस्तेमाल करेगा । ”.यह किस प्रकार का निवेदन है? आप इस अदालत द्वारा एक घोषणा चाहते हैं कि आलेख 370 के पुनर्वास वैध है.हमें क्यों उस घोषणा पर विचार करना चाहिए? किसने आपके ग्राहक को स्थापित किया है?.उसने कहा कि निवेदनकर्ता ने सार्वजनिक ब्याज (पीएल) को इस प्रभाव के लिए एक घोषणा की है कि आलेख 370 का पुनर्देश और आलेख 35-A में से पुनः प्राप्त संविधानिक रूप से वैध थे.संघीय सरकार की कार्यवाही के लिए मान्यता - प्राप्तीकरण के सम्बन्ध में इस अदालत द्वारा घोषित नहीं किया जा सकता.किसी भी घटना में, संविधान की वैधता के मुद्दे को विप्रशित करने से पहले स्थगित है, यह कहा.यह सुनकर अदालत ने कहा कि अब से निवेदन गलत है और उसे खारिज कर दिया गया है ।.आलेख 35- ए, जो एक 1954 राष्ट्रपति आदेश द्वारा शामिल किया गया था में जिसमें संरम्मू और सुशिक्षित अधिकारों के पक्ष की अनुमति दी गई थी... / मैं.इसने एक ऐसी स्त्री को भी संपत्ति अधिकार देने से इनकार कर दिया जिसने राज्य के बाहर से एक व्यक्ति का विवाह किया.अगस्त ५, २०१९ को इस केंद्र ने जामी के लेगू राज्य और आंकीमा की खास स्थिति का हल निकालने तथा दो क्षेत्रों में उसे ऊपर कर देने का फ़ैसला किया.एकब्रोटोर लेख ३७० तक, केंद्रीय सरकार ने जामिमू और बामीर की ख़ास स्थिति रद्द कर दी थी.सीजेआई द्वारा पदित पांच जजों पक्ष पर तर्क सुन रहा है.( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://timesofindia.indiatimes.com/india/sc-dismisses-plea-seeking-declaration-that-abrogation-of-article-370-constitutionally-valid/articleshow/102900225.cms