DATE: 2023-08-20
यह अध्ययन कैसे विस्किया के संपर्क पर त्वचा से सम्पर्क रखता है: विसटब बाँग्लास में स्तन - पान, जीवाणु बढ़ने के लिए एक आदर्श वातावरण बना रहा है.
त्वचा द्वारा उत्पन्न स्नेह और नमी जीवाणु बढ़ने के लिए ज़रूरी दवा प्रदान करती है.ये ऐसे माहौल में रहते हैं जहाँ जीवाणु बढ़ने के लिए तैयार होते हैं.
इन्हें “सर्वो ” कहा जाता है ।.शुद्धीकरण का अभाव: उन उपकरणों से भिन्न जो स्मार्टफोन या लैपटॉप जैसे होते हैं जिन्हें उपयोक्ता नियमित रूप से साफ़ कर सकते हैं, आम तौर पर जब सफाई की ज़रूरत होती है तो ऐसे यंत्रों को नज़रअंदाज़ किया जाता है.
इस लापरवाही से जीवाणु समय - समय पर इकट्ठा होते हैं और बढ़ते जाते हैं.इन्हें अच्छी तरह साफ करना मुश्किल है.
बैकीया इन छोटे - से पैमाने पर शरण पा सकती है और सबसे अच्छी सफाई के काम भी उससे दूर रह सकती हैं.नियमित रूप से साफ़ करने और परिष्करण: वॉयटबियाँ स्लीवों को लगातार कोमल साबुन और पानी का प्रयोग करते हुए साफ - सफाई करनी चाहिए.
ऐसे इलाकों पर ध्यान दीजिए जहाँ कवरों से संपर्क किया जाता है.हद - से - ज़्यादा मत लीजिए: लंबी उम्र के लिए बाँयें पहनने में कम समय बिताना, खासकर कड़ी मेहनत करने पर जो बहुत भारी होता है.
साँस की बदबू चुनें: हवा के तार, श्वेत पदार्थ जिनसे नमी को और अधिक प्रभावकारी रूप से उड़ सकती है.
वैकल्पिकों पर ग़ौर कीजिए: जो व्यक्ति जीवाणुओं के फैलाव की चिंता करते हैं वे ऐसे कच्चे घरों का इस्तेमाल करने, साफ - सफाई और दूसरे तरीके ढूँढ़ने में आसानी से हाथ बँटा सकते हैं जिन्हें नुकसान पहुँचानेवाले जीवाणु कम हो सकते थे.
एक ऐसे युग में जहाँ कपड़े पहनने की तकनीक ज़्यादा लोकप्रिय हो रही है, हाल ही के अध्ययन ने बौजीबों से संबंधित अप्रत्याशित चिंता पर प्रकाश डाला है.
एक नए अध्ययन के मुताबिक, कलीब बाँग्लादेश में भी बहुत - से लोगों को बुरी तरह सताया गया है ।.के- एल्जियम तथा स्टॉफाइटोकस.इस ज्ञान से इन Ubuehatt युक्त उपकरणों की साफ - सफाई के बारे में सवाल उठते हैं और उनके साथ हमारी बातचीत दोबारा शुरू होती है.यह अध्ययन अमरीका के यूनिवर्सिटी ऑफ इंग्लैंड से खोजकर्ताओं की एक टीम, चार्ल्स ई..विज्ञान के सख़्त कॉलेज, नेलेपीबों पर सूक्ष्म रोग का पता लगाने का लक्ष्य रखा.अलग - अलग किस्म के कच्ची धातु पहनते थे और इसके नतीजे खतरे में पड़ जाते थे.विश्लेषण ने त्वचा और श्वेत संक्रमण से सम्बन्धित जीवाणुओं की मौजूदगी को स्पष्ट किया, जिसमें ई..के- एल्जियम तथा स्टॉफाइटोकस.ई.कोरी, आम तौर पर मनुष्यों और जानवरों की आंतों में पाया जाता है, भोजन के ज़हर का कारण होता है और रक्त - आधान ट्रैक्ट संक्रमण उत्पन्न करता है.लेकिन, यदि अनियंत्रित रूप से बाहर निकल जाए तो त्वचा संक्रमण और ज़्यादा तीव्र परिस्थितियों में आ सकता है.इन जीवाणुओं की मौजूदगी, ऐसे इलाकों में जाकर अपने शरीर और आस - पास के माहौल पर निर्भर करती है ।.अध्ययन ने उन बातों को आगे बढ़ाया जो कि कलाईबों में हानिकारक जीवाणु बढ़ जाते हैं.अनेक कारणों की पहचान करायी गयी: इस अध्ययन के खोज में उन लाखों लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण अर्थ है जो रोज़ बाँग्लादेशों का प्रयोग करते हैं.शरीर में इन उपकरणों से खतरनाक जीवाणुओं का संक्रमण, श्वेत बीमारियाँ और ज़्यादा गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं, खासकर उन लोगों में जो कमज़ोर बीमारियों के शिकार होते हैं.ये खतरे कम करने के लिए विशेषज्ञ सुझाव देते हैं: जबकि कलीब बैंग्स ने निश्चय ही इस तरह बदल दिया है कि हम तकनीक से जुड़े हुए और हमारे स्वास्थ्य पर ध्यान दें, हाल का अध्ययन हमें इन उपकरणों के संभावित क्षेत्र की याद दिलाता है.वी. जैसे हानिकारक जीवाणुओं की उपस्थिति.कलाई और स्टॉफाइलोब बर्ड्स में फ़्लाइकस की ज़रूरत को विशिष्ट करता है कि ज़्यादा ज्ञान और ज़िम्मेदार उपयोग के लिए ज़रूरी क्या है.आम तौर पर साफ - सफाई के तरीकों को अपनाने और उन्हें सही तरह से चुनने की कोशिश करने से, इंसान अपने खाने - पीने का जोखिम कम कर सकता है ।.( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://timesofindia.indiatimes.com/life-style/health-fitness/health-news/wristbands-are-breeding-ground-for-harmful-bacteria-finds-study/articleshow/102790916.cms