DATE: 2023-08-21
ए. डी.) के विश्वविद्यालय (AUC) ने ‘ आर्थिक मामलों पर पाबंदी ’ का स्थान ले लिया है ।.
यह नया पेपर 2023-24 के वर्तमान स्कूल सत्र से परिचय किया जाएगा और विश्वविद्यालय की यूजी आर्थिक अल्पानिकीशिया का एक हिस्सा बन जाएगा.दिल्ली के यूनिवर्सिटी में एक छः सदस्य समिति बनायी थी जो आर्थिक कठिनाई की सहसंशंस को फिर से स्थापित करने के लिए है।.ACAN के सदस्यों को बहिष्कृत करने पर इस दावे से लोकतांत्रिकीकरण की प्रक्रिया ख़त्म हो जाएगी.अस्पिमियन दावा करते हैं कि ये संशोधन आर्थिक रूप से व्यर्थ होंगे और विद्यार्थी इस विषय की इच्छा प्राप्त नहीं कर सकेंगे क्योंकि लिंक के कारण वे लापता थे.“ सरकारी अधिकारियों की और ‘ दोष - भावना के अप्रस्थित विचार ’ को बेहतर समझ के लिए एक साथ सिखाया जाना चाहिए, प्रोफेसर दावा करते हैं.शिक्षा टाइम्स, दी जा रही हैरीया ब्रॉथना से बात करते हुए, कोरिश माल कॉलेज के सहयोगी प्रोफेसर डी..‘ सरकार, और समाज ’ पर पहला कागज (सा. यु..इस विषय को अपनी पहचान खो देंगे जब उन्होंने सहज रूप से नए पठन को जोड़ा है.” “देश में पक्षपात पर चर्चा को समाप्त करने के लिए ‘ अनपेक्षित विचारों की जगह ’ दिए गए हैं.‘ समाज के लोगों ने जाति, लिंग और अपंगता जैसे सामाजिक विषयों पर चर्चा की.यह भेदभाव, संपत्ति के अधिकार और देश की कई आयामी समस्याओं पर भी ज़ोर देता है जो भारत में एक जीवित वास्तविकता हैं.यह लेख इस बात पर भी ज़ोर देता था कि कैसे एक तरह के भेदभाव को आर्थिक तरीकों से बढ़ावा दिया जाता है.विद्यार्थियों को इन तार्किक मुद्दों की समझ प्राप्त करने की जरूरत है जो 21वीं सदी में मौजूद हैं। .इसके अलावा, पक्षपात के बारे में एक महत्त्वपूर्ण विषय पर लेख का शीर्षक था “अभिष्कारिक लेखनों से । ”.“ पहले प्राप्त होनेवाली सभा के शिक्षक थे जो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षकों (एन.FD) से हैं, जिन्होंने ‘ सरकारी सरकार की ओर से जुड़े तीन बक्सों और संस्थाओं ’ का विरोध किया ।.हाल ही में एक बैठक में ‘ इम्पकिंग कागज के साथ अप्रयोगित कागज़ की अनुमति दी गयी और कुछ छोटे परिवर्तनों का परिचय ‘ सम्बन्ध, संबंध तथा विश्वव्यापी पेपर ’ में किया गया है ।.“ प्रयस्तित व्यक्ति को एक कागज़ पर स्वागत करता है, लेकिन उसे ‘ अनपेक्षित कागज की अनुमति ’ नहीं देनी चाहिए.इम्पर कागज को भी, यहाँ तक कि ‘ अजीब से सिगस्टर में अनवर्स के काग़ज़ की अविष्टि ’ और ‘ श्रृंखलात्मक सामग्री का विस्तार करना चाहिए था.ये दो कागजाधनी हैं और एक दूसरे के साथ बदल नहीं सकते, .( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://timesofindia.indiatimes.com/education/news/changes-in-economics-syllabus-at-du-will-create-missing-links-in-the-curriculum/articleshow/102912961.cms