DATE: 2023-08-30
सफेद, 33 साल की आदिवासी पुरुष Aliton Cello के लिए सिर पहने हुए सितंबर 4, 1987 में ब्राज़ील के महाद्वीप के कम - से - कम घराने का मंच पर गया.वहाँ, सैन्य तानाशाह सरकार के सालों के बाद देश की नयी प्राधिकार - व्यवस्था बनाने में एक समूह के सदस्य थे.उस वक्त न तो श्री.केरेनी और किसी भी गर्भनिधक को पता था कि वह बात इतिहास में शुरू होगी.जब वह हरिणी से बात करता था, तो उसने अपने गाल को एक हाथ से छूकर देखा और उसे पानी में फेंक दिया.
वह एक पारंपरिक काले रंग के कपड़े धारण कर रहे थे जो किवापीप से बना है, शोक काल में आदिवासी लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया.जैसे - जैसे वह बोल रहा था, उसने अपना पूरा चेहरा काला कर दिया.श्री.
इस तरह के विषयों में दिलचस्पी रखनेवालों को सालों बाद ब्राज़ील के आदिवासी लोगों की रक्षा करने के लिए कानून दिए गए थे ।.लेकिन उस वक्त यह अच्छी तरह समझ में नहीं आया.अगले दिन एक समाचार - पत्र की ओर इशारा करता है: “भारतीय लोगों पर हमला हो जाता है....करीब 40 साल बाद, श्री..
किलेनी ने अनेक पुस्तकें लिखी हैं तथा वर्तमान में ब्राज़ील के पत्रों की एक कुर्सी पर बैठने का प्रमुख उम्मीदवार है.लेकिन ब्राज़ील के एक देश में वह और दूसरे आदिवासी लोग सोचते हैं कि दुनिया का रुख अभी भी सही है.ब्राज़ील में 300 से भी ज़्यादा आदिवासी भाषाएँ बोली जाती हैं और दर्जनों लोगों को तो यहाँ के प्रांतीय इलाकों की हिंसा का नतीजा भुगतना पड़ा है.
और भाषाओं के अलावा, अनेक अद्वितीय अभिव्यक्तियाँ और तत्त्वज्ञान भी खो गए हैं.अलीडा माओआ गाँव में 20 गॉइबीना परिवार अपनी मातृभाषा में बोलते हैं, जो किले - कनेई शाखा से आदिवासी भाषा है.
फोटो: टाइनिया रिगो/ एबर.जर्मन क्लेर एडवर्ड स्फीयर पहले इस बात पर विस्तृत रूप से प्रभावित हुआ कि लोग किस तरह सोचते हैं.
उसके एक छात्र ने सोचा कि कैसे उत्तर अमरीकी नायई आदिवासी लोगों के पास समय की अलग धारणा थी क्योंकि उनकी भाषा आज और“ आजमार्ट ” जैसी scution का उपयोग नहीं करती.क्योंकि उनका समय एक चक्र है, जिस में कुछ भी समाप्त नहीं होता — न तो आरम्भ से लेकर मध्य और अन्त तक ।.श्री.
दुनिया की फितरत सीधे - सीधे इस संसार के तत्त्वज्ञान से जुड़ी हुई है.( तिरछे टाइप हमारे).( तिरछे टाइप हमारे).( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://brazilian.report/society/2023/08/29/indigenous-languages-philosophy-krenak/