DATE: 2023-08-31
न्यू यॉर्क टाइम्सI: भारतीय सरकारी संस्थान (ओनेटस) के संघ को सार्वजनिक अधिकार विभागों में डाल दिया गया है और विदेशी विश्व - मुख्यालय से मिली डिग्री प्राप्त स्कूलों की मान्यताओं तथा विदेशियों से ली गयी अनुमति देने का एक भूमिका बन चुका था, जो अब तक संस्था द्वारा नियुक्त किया गया था.सोमवार के अंक में एक ख़ास सामान्य निकाय सभा के बाद, जिसमें विश्वविद्यालय के 400 से ज़्यादा मुख्य - वर्गीय मंत्री म्मान्रांग ने संयुक्त राष्ट्र के सेवकों को सहयोग देने की कोशिश की और यूजीसी का आग्रह किया कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें ताकि वे गलत जाँच कर सकें.( तिरछे टाइप हमारे).( तिरछे टाइप हमारे).विद्यार्थियों के लिए चुनौती.संघ ने यह भी कहा कि यह अंकृत सूचना के विरुद्ध है और नहीं में एआईयू की सहसांगल तथा यूजीसी कार्य का पुनःसमंजन करने के लिए..सभा ने तय किया कि एआईयू सभी विश्वविद्यालयों की खातिर डिग्री के बराबर करने और स्वीकृति देने में आगे रहेगा.एआईयू विश्व शिक्षा सेवा (एसई) के बराबर है अमेरिका और कनाडा तथा यूकेए.क जानकारी केंद्र में, अंतर्राष्ट्रीय योग्यताओं और कौशल की स्वीकृति देने व उनकी क़दर करने के लिए यूरोप.सन् 1995 में सरकार ने फैसला किया कि वे विदेशी योग्यताओं को पहचान लेंगे जो एआईयू द्वारा पहचाना गया है ।.सन् 2018 में, अमरीका के एक सर्वे से पता चला कि किसी भी विदेशी फाई की डिग्री जो एआईयू द्वारा बराबर रखी गयी है, भारतीय विश्वविद्यालय और कॉलेजों का सहायक प्रोफेसर होने के लिए बिना शर्त दिए इलाज किया जा सकता है.अपने नवंबर १५, २०21 सूचना में शिक्षण सेवकाई ने कहा कि १८२ लोगों को द्वितीय / उच्च शिक्षा संस्थाओं के प्रति अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाने की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी थी ।.एक बुज़ुर्ग सेवा अधिकारी ने कहा कि सभा और एआईयू पत्र के साथ की मिनटों में, सभी 400 वर्स शासी निकाय को आदेश दिया है कि भारतीय विश्वस्तियों के बीच लंबे समय तक का प्रतिनिधित्व करने के बारे में पीटर-अप अनुभव देखें.( तिरछे टाइप हमारे).( तिरछे टाइप हमारे).और वैश्विक विद्यार्थियों की दिलचस्पी में, एआईयू सभी विश्वविद्यालयों के पक्ष में यह करना जारी रखेगा.एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के उप - प्रधान ने कहा कि अधिकांश यूनिवर्सिटीों को यह दृष्टिकोण रखना चाहिए कि डिग्री एयूयू..( तिरछे टाइप हमारे).
Source: https://timesofindia.indiatimes.com/education/news/reconsider-draft-guidelines-on-foreign-degrees-aiu-tells-ugc/articleshow/103222413.cms